बंद शटर… फिर भी मिल रही शराब! रंगनाथ थाना प्रभारी पर उठे सवाल— आम लोगों से कागज़ पूछे जा रहे, अवैध कारोबार पर क्यों नहीं कार्रवाई?

रिपोर्टर : हेमन्त सिंह | कटनी
कटनी— रंगनाथ थाना क्षेत्र से एक बड़ा और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। बरगवा इलाके में स्थित एक कथित अवैध शराब दुकान का शटर तो बंद है, लेकिन अंदर से शराब का अवैध विक्रय खुलेआम जारी होने की बात सामने आने से पुलिस की कार्यप्रणाली कटघरे में खड़ी हो गई है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस मौके पर पहुंचने के बावजूद न तो दुकान की जांच करती है और न ही कार्रवाई, बल्कि उल्टा क्षेत्र से गुजरने वाले आम लोगों और वाहन चालकों से दस्तावेज पूछकर खानापूर्ति करती नजर आती है।
बंद शटर… अंदर चल रहा अवैध कारोबार!
लोगों ने बताया कि बरगवा स्थित इस शराब दुकान का शटर कई दिनों से बंद दिखता है, लेकिन पीछे या किनारे से अवैध रूप से शराब बेची जा रही है। शराब लेने वालों की आवाजाही लगातार बनी रहती है, जिससे स्थानीय नागरिकों में नाराजगी साफ है।
स्थानीय नागरिकों का आरोप— “थाना प्रभारी की मिलीभगत के बिना संभव नहीं”
क्षेत्रवासियों का सीधा आरोप है कि रंगनाथ थाना प्रभारी अरुण पाल सिंह द्वारा इस पूरे मामले पर कोई कार्रवाई न करना कई सवाल खड़े करता है।
लोगों का कहना है कि इतने लंबे समय से चल रहे इस अवैध कारोबार को रोकने में पुलिस की निष्क्रियता कहीं न कहीं संरक्षण की ओर इशारा करती है।
आम नागरिक परेशान— घर जा रहे लोगों से पूछे जा रहे दस्तावेज
शिकायत करने वाले नागरिकों ने कहा कि शराब विक्रय रोकने के बजाय पुलिस घर जा रहे साधारण नागरिकों को रोककर वाहन के दस्तावेज चेक करने में लगी रहती है।
लोगों का कहना है:
> “जिसके यहां अवैध शराब बिक रही है, उसे कोई नहीं रोकता… लेकिन घर लौटते समय आम आदमी को पुलिस रोककर पूछताछ करती है। यह कैसी कार्यप्रणाली है?”
क्षेत्र में बढ़ रहा असंतोष
लगातार शिकायतें और कोई ठोस कार्रवाई न होने से लोगों में असंतोष बढ़ रहा है। कुछ युवाओं ने यह भी आरोप लगाया कि दुकान के आसपास अराजक तत्व रात के समय नशे की स्थिति में झगड़ा-फसाद करते हैं, जिससे वातावरण असुरक्षित हो गया है।
नागरिकों की मांग— प्रशासन हस्तक्षेप करे, अवैध विक्रय बंद हो
स्थानीय नागरिकों ने जिला प्रशासन और उच्च पुलिस अधिकारियों से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
उनका कहना है कि:
अवैध शराब विक्रय की जांच हो,
संबंधित दुकान को बंद कराया जाए,
और पुलिस की भूमिका पर निष्पक्ष जांच की जाए।
लोगों ने स्पष्ट कहा कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो वे सामूहिक रूप से जिला मुख्यालय में ज्ञापन भी सौंपेंगे।












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